क्लींजिंग थेरेपी

क्या आप जानते हैं?

जैसे किसी वाहन को लंबे समय तक चलाने के लिए नियमित सर्विसिंग की जरूरत होती है, वैसे ही हमारे शरीर को भी नियमित सफाई (डीटॉक्स) की आवश्यकता होती है। अनियमित जीवनशैली, दूषित भोजन, प्रदूषण और तनाव के कारण हमारे शरीर में विषैले तत्व (टॉक्सिन्स) जमा हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे बीमारियों को जन्म देते हैं।

क्लींजिंग थेरेपी एक प्राकृतिक और वैज्ञानिक पद्धति है, जो शरीर के अंदरूनी अंगों की गहराई से सफाई करके स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने में मदद करती है। यह थेरेपी शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालकर अंगों की अवशोषण क्षमता (Absorbing Capacity) को बढ़ाती है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को मजबूत करती है।

बीमारियों के कारण

✅ प्रदूषित वायु – सांस के जरिए विषैले तत्व शरीर में प्रवेश करते हैं।
✅ पानी – खनिज-विहीन एसिडिक RO पानी शरीर में एसिडिटी बढ़ाता है।
✅ तला-भुना, प्रोसेस्ड और अप्राकृतिक भोजन – पाचन तंत्र को कमजोर करता है।
✅ तनाव और अनियमित जीवनशैली – हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है।
✅ बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स – शरीर में संक्रमण फैलाते हैं।

इन सभी कारणों से शरीर में टॉक्सिन्स जमा होते रहते हैं, जिससे अंग कमजोर होते हैं और बीमारियां जन्म लेती हैं। यदि समय-समय पर शरीर की सफाई (क्लींजिंग) कर ली जाए, तो 90% स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।

*”शरीर के आंतरिक अंगों की नियमित सफाई, यानी शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने की यह प्रक्रिया क्लींजिंग थेरेपी है।”*

क्लींजिंग थेरेपी कैसे काम करती है?

यह थेरेपी प्राकृतिक खाद्य पदार्थों, रसोई में मौजूद मसालों, जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक विधियों से शरीर की गहराई से सफाई करती है। इसमें किसी प्रकार के परहेज की जरूरत नहीं होती। आप अपने पसंदीदा भोजन का आनंद लेते हुए भी क्लींजिंग थेरेपी कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।

डॉ. पीयूष सक्सेना – क्लींजिंग थेरेपी के जनक

डॉ. पीयूष सक्सेना ने इस थेरेपी को पहले स्वयं पर आज़माया और इसके चमत्कारी प्रभाव को देखने के बाद अपने परिवार, मित्रों और परिचितों को भी इससे लाभ पहुंचाया। आज यह थेरेपी लाखों लोगों तक पहुंच चुकी है और पूरे भारत में सैकड़ों कैंप आयोजित किए जा रहे हैं, जहां लोग विशेषज्ञों की देखरेख में क्लींजिंग थेरेपी का लाभ उठा रहे हैं।

समाधान – विभिन्न क्लींजिंग थैरेपीज

क्लींजिंग थेरेपी में तमाम समस्याओं का समाधान है। थेरेपी में बताए गए क्लींजेज को अपनी समस्या और लक्षणों के हिसाब से आजमाएं और बीमारी को दूर भगाएं।

लोकप्रिय क्लींजिंग थेरेपीज:

  • * किडनी क्लींज
  • * थायरॉइड क्लींज
  • * एसिडिटी क्लींज
  • * लंग क्लींज
  • * लिवर क्लींज
  • * यूटेरस क्लींज
  • * ज्वॉइंट क्लींज
  • * फर्टिलिटी एंड PCOS क्लींज
  • * कोलोन क्लींज
  • * फैलोपियन ट्यूब क्लींज
  • * हेयर क्लींज
  • * वजाइना क्लींज
  • * माउथ क्लींज
  • * कंसीव नेचुरली

क्लींजिंग थेरेपी के प्रमुख लाभ

✅ हृदय और रक्त संचार – हृदय रोगों, हाई BP और हार्ट अटैक की संभावना को कम करे।
✅ गुर्दे और लिवर की सफाई – किडनी स्टोन, लीवर फैटीनेस और पाचन विकारों में सहायक।
✅ त्वचा और बालों का स्वास्थ्य – एलर्जी, एक्जिमा, सोरायसिस दूर कर त्वचा को चमकदार बनाए।
✅ डायबिटीज नियंत्रण – ब्लड शुगर को संतुलित कर इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाए।
✅ हड्डी और जोड़ स्वास्थ्य – गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस और जोड़ों के दर्द में राहत।
✅ थायराइड और हार्मोन संतुलन – थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता और हार्मोन बैलेंस को सुधारने में मददगार।
✅ मूत्र संक्रमण और प्रजनन स्वास्थ्य – यूटेरस, फैलोपियन ट्यूब, प्रोस्टेट व फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं में लाभदायक।
✅ मानसिक स्वास्थ्य – तनाव, डिप्रेशन और अनिद्रा से मुक्ति, मानसिक शांति प्रदान करे।
✅ श्वसन स्वास्थ्य – अस्थमा, एलर्जी और अन्य फेफड़ों की समस्याओं से राहत।
✅ नेत्र स्वास्थ्य – दृष्टि दोष और मोतियाबिंद में सहायक।
✅ वजन प्रबंधन – मोटापा और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करे।
✅ पुरुष और महिला स्वास्थ्य – हार्मोन असंतुलन, नपुंसकता और बांझपन जैसी समस्याओं में लाभदायक।

👉 क्लींजिंग थेरेपी एक संपूर्ण समाधान है, जो शरीर को अंदर से स्वस्थ, ऊर्जावान और रोगमुक्त बनाती है।

सावधान रहें! सही मार्गदर्शन ज़रूरी है!

👉 क्या क्लींजिंग थेरेपी एलोपैथी चिकित्सा के खिलाफ है?

❌ बिल्कुल नहीं!
✔ एलोपैथी आपातकालीन चिकित्सा, सर्जरी और गंभीर बीमारियों के त्वरित इलाज के लिए आवश्यक है।
✔ लेकिन शरीर को जड़ से स्वस्थ बनाने और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर एलोपैथी की जरूरत को कम करने में मदद कर सकती है।

👉 क्या क्लींजिंग थेरेपी में पैथोलॉजिकल टेस्ट की जरूरत नहीं होती?

✔ बीमारी की रोकथाम और उपचार में क्लींजिंग थेरेपी सहायक होती है।
✔ लेकिन, बीमारी के निदान (Diagnosis) के लिए पैथोलॉजिकल टेस्ट आवश्यक हो सकते हैं।
✔ कभी-कभी टेस्ट रिपोर्ट में भी भिन्नताएं हो सकती हैं, इसलिए डॉक्टर की राय और लक्षणों के आधार पर निर्णय लें।

👉 क्या क्लींजिंग थेरेपी से कैंसर, HIV/AIDS, मल्टिपल स्केलेरोसिस, पैरालाइसिस और पार्किंसन जैसी बीमारियां ठीक हो सकती हैं?

✔ नहीं, क्लींजिंग थेरेपी कोई दवा नहीं है, लेकिन यह शरीर को मजबूत बनाने में मदद करती है।
✔ यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर को किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाती है।

👉 क्या वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन में क्लींजिंग थेरेपी प्रभावी है?

✔ सीधे तौर पर यह इंफेक्शन का इलाज नहीं है, लेकिन यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
✔ शरीर की सफाई से वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

👉 क्या क्लींजिंग थेरेपी त्वचा को स्वस्थ बनाती है?

✔ जी हाँ, शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलने पर त्वचा में प्राकृतिक चमक आ जाती है।
✔ कील-मुंहासे, एक्जिमा, सोरायसिस, ऑयली स्किन जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
✔ बाल भी मजबूत और चमकदार बनते हैं।

👉 यदि क्लींजिंग के बाद भी स्वास्थ्य में विशेष सुधार न हो तो क्या करें?

✔ सही तरीके से क्लींज करने पर कोई लाभ न मिले, यह असंभव है।
✔ सही मात्रा में और सही विधि से क्लींजिंग करने पर ऊर्जा में वृद्धि, बेहतर नींद और चेहरे पर चमक जरूर दिखाई देगी।

👉 क्या क्लींजिंग थेरेपी को नियमित रूप से न करने से कोई नुकसान होगा?

✔ नहीं, लेकिन नियमित रूप से करने पर अधिक लाभ मिलेगा।
✔ यदि आप इसे कभी-कभी भी करते हैं, तो भी शरीर को फायदा होगा।

👉 क्या क्लींजिंग थेरेपी के दौरान दवाइयों का सेवन किया जा सकता है?

✔ हाँ, क्लींजिंग थेरेपी में प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो अन्य दवाओं के साथ कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया (Side Effect) नहीं देते।

👉 क्या क्लींजिंग थेरेपी के कोई साइड-इफेक्ट्स होते हैं?

✔ बिल्कुल नहीं!
✔ यह पूरी तरह प्राकृतिक है और शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया को तेज करता है।

👉 क्या क्लींजिंग थेरेपी के दौरान परहेज करना जरूरी है?

✔ नहीं, आपको जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत नहीं है।
✔ क्लींजिंग के दिन तला-भुना और गरिष्ठ भोजन न लें, ताकि शरीर को डिटॉक्स होने में मदद मिले।

👉 मेरे परिवारीय सदस्य को इस थेरेपी पर भरोसा नहीं हो रहा, मैं क्या करूं?

✔ सबसे पहले आप खुद इस थेरेपी को अपनाएं और इसके लाभ महसूस करें।
✔ जब वे आपके स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव देखेंगे, तो उन्हें भी इसे अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।

👉 क्या गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं क्लींजिंग थेरेपी कर सकती हैं?

✔ जी हां, यह पूरी तरह सुरक्षित है।
✔ गर्भवती महिलाएं – गर्भ के 8वें महीने तक लिवर क्लींज कर सकती हैं।
✔ स्तनपान कराने वाली माताएं – शिशु के जन्म के 4 महीने बाद लिवर क्लींज कर सकती हैं।
✔ लिवर क्लींज के अलावा अन्य क्लींजिंग थेरेपी कभी भी की जा सकती है।

👉 स्वस्थ जीवन की ओर पहला कदम – क्लींजिंग थेरेपी!

✅ आज ही क्लींजिंग थेरेपी अपनाएं और स्वस्थ जीवन का आनंद लें!
✅ "खाओ पियो; मस्त रहो!!"
✅ "कलींज करो; स्वस्थ रहो!!"

📌 अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट विजिट करें:
🌐 thetempleofhealing.org

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